कवितापद्य साहित्य

हे मानव !

हे मानव !!
क्यों झूठ का गठरी लिए
सर्वत्र घूम रहा है
क्यों मानव होकर
दे रहा मानव को ठोकर
गलत भावनाओं से
ग्रसित
द्वेष्यता की आग में
मानवता को जला डाला
क्यों बनाता
मानवीय आकार
दिखाता एकाकार
छल-कपट
कुरीति
द्वेष-दम्भ
अवसरवादिता
दुर्भावनापूर्ण
अवसादों के
सानिध्य में
कब-तक पलोगे
कब-तक चलोगे
हे मानव !!
अब भी समय है
कुविचार से हटकर
सुविचार से सटकर
मानवता अपने
अन्दर लाओ
अन्तर्दृष्टि में झाक
देख अपनी साख
भोलापन बनना
बनावटी हँसना फिर-
मौका तलाश कर
किसी को छलना
मनमानी करना
और,सर्वोपरि बनना
क्या तुम्हें अजीब सा
नहीं लगता
या समझ नहीं पाता
या नहीं समझने का
ढोंग रचता
ऐसे विचारों के नींव पर
अच्छे होने की
क्या इमारत बना सकोगे
उसमें चैन से
निंद ले सकोगे
हे मानव !!
अभी समय बचा है
सम्भलने का
समय है सीखने का
विचार करने का
सुधार करने का
कर लो
नहीं तो
युग बदल रहा है
जमाना बढ रहा है
मरना सबको है
यह शरीर
जो चल रहा है
यही रह जायेगा
यह जानकर भी
अनजान की तरह
जीवन व्यतीत करना
मूर्खता को दर्शाना
अंधकार से
प्रकाश की ओर बढो
सम्मान से लेकर
सहयोग तक प्राप्त होगा
अंधकार में खोजोगे
तिरस्कार के आलावा
कुछ प्राप्त नहीं होगा
•••••
रचना काल -: 09-03-2018

रमेश कुमार सिंह 'रुद्र'

जीवन वृत्त-: रमेश कुमार सिंह "रुद्र"  ✏पिता- श्री ज्ञानी सिंह, माता - श्रीमती सुघरा देवी।     पत्नि- पूनम देवी, पुत्र-पलक यादव एवं ईशान सिंह ✏वंश- यदुवंशी ✏जन्मतिथि- फरवरी 1985 ✏मुख्य पेशा - माध्यमिक शिक्षक ( हाईस्कूल बिहार सरकार वर्तमान में कार्यरत सर्वोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरैया चेनारी सासाराम रोहतास-821108) ✏शिक्षा- एम. ए. अर्थशास्त्र एवं हिन्दी, बी. एड. ✏ साहित्य सेवा- साहित्य लेखन के लिए प्रेरित करना।      सह सम्पादक "साहित्य धरोहर" अवध मगध साहित्य मंच (हिन्दी) राष्ट्रीय सचिव - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन मध्यप्रदेश,      प्रदेश प्रभारी(बिहार) - साहित्य सरोज पत्रिका एवं भारत भर के विभिन्न पत्रिकाओं, साहित्यक संस्थाओं में सदस्यता प्राप्त। प्रधानमंत्री - बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन इकाई सासाराम रोहतास ✏समाज सेवा - अध्यक्ष, शिक्षक न्याय मोर्चा संघ इकाई प्रखंड चेनारी जिला रोहतास सासाराम बिहार ✏गृहपता- ग्राम-कान्हपुर,पोस्ट- कर्मनाशा, थाना -दुर्गावती,जनपद-कैमूर पिन कोड-821105 ✏राज्य- बिहार ✏मोबाइल - 9572289410 /9955999098 ✏ मेल आई- [email protected]                  [email protected] ✏लेखन मुख्य विधा- छन्दमुक्त एवं छन्दमय काव्य,नई कविता, हाइकु, गद्य लेखन। ✏प्रकाशित रचनाएँ- देशभर के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में एवं  साझा संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित। लगभग 600 रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं तथा 50 साझा संग्रहों एवं तमाम साहित्यिक वेब पर रचनाये प्रकाशित। ✏साहित्य में पहला कदम- वैसे 2002 से ही, पूर्णरूप से दिसम्बर 2014 से। ✏ प्राप्त सम्मान विवरण -: भारत के विभिन्न साहित्यिक / सामाजिक संस्थाओं से  125 सम्मान/पुरस्कार प्राप्त। ✏ रूचि -- पढाने केसाथ- साथ लेखन क्षेत्र में भी है।जो बातें मेरे हृदय से गुजर कर मानसिक पटल से होते हुए पन्नों पर आकर ठहर जाती है। बस यही है मेरी लेखनी।कविता,कहानी,हिन्दी गद्य लेखन इत्यादि। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आदरणीय मित्र मेरे अन्य वेबसाईट एवं लिंक--- www.rameshpoonam.wordpress.com http://yadgarpal.blogspot.in http://akankshaye.blogspot.in http://gadypadysangam.blogspot.in http://shabdanagari.in/Website/nawaunkur/Index https://jayvijay.co/author/rameshkumarsing ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ आपका सुझाव ,सलाह मेरे लिए प्रेरणा के स्रोत है ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~