“हाइकु”
आसन माँ का
झूमती है काँवर
माला मनका॥-1
सुंदर शोभा
भक्त भाव निराली
पूजा की थाली॥-2
शक्ति पूजन
चैत्र की नवरात्रि
वंदन मातृ॥-3
क्षमा याचना
हितकर चाहना
माँ सुनयना॥-4
सुख सुविधा
रूपवती प्रतिभा
मातु सुचिता॥-5
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी