कब बरसोगे ?
डबडबी आँखों से… कृषक निहारे
कर दे मेघा तू … अब तो बौछारें
कब बरसोगे ?
सूखी हैं फसलें… सूखे हैं खेत
मिट्टी भी मुझको… दिखती है रेत
कब बरसोगे ?
उपजाऊ धरती… बन जाये न बंजर
जीते जी देखूं … कैसे ये मंजर
कब बरसोगे ?
पसरा है सूखा… देखो चहूँ ओर
सुख की लगता… होगी न भोर
कब बरसोगे ?
ये जर्जर साँसें… जाने कब रुक जाएँ
बरसे गर तू… शायद मौत टल जाए
कब बरसोगे ?
रख लो न मेघा… धरतीपुत्र का मान
वरना डूब कर्ज में… देनी पड़ेगी जान
कब बरसोगे ?
अंजु गुप्ता