नवरात्रि-भजन
(तर्ज़- बाजे-बाजे रे बधाई बहिना तेरे अंगना——)
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है-
पहले दिन मां शैलपुत्री जी आईं दरश दिखाने
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी अपना रूप लखाने
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है-
तीसरे दिन मां चन्द्रघंटा ने मन में घंटे बजाए
चौथे दिन कुष्मांडा मां ने अपने दरश कराए
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है-
पांचवें दिन स्कंदमात की आओ पूजा कर लें
छठवें दिन मां कात्यायनी की आशीष से मन भर लें
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है-
सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजन सब करते हैं
आठवें दिन मां महागौरी की पूजा हम करते हैं
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है-
अष्टमी के दिन कंजक रूप में दुर्गा मैय्या आतीं
नौमी के दिन सिद्धिदात्री सिद्धि सिद्धि से घर भर जातीं
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
मैय्या राणी आई है, अम्बेराणी आई है, महाराणी आई है
लेके नौ दिन की बहार मैय्या राणी आई है-
लेके खुशियों की बहार मैय्या राणी आई है-
लेके आनंद की बहार मैय्या राणी आई है-
लेके रौनक की बहार मैय्या राणी आई है-
आज चैत्र नवरात्र का पांचवां दिन है। देवी भाग्वत् पुराण में बताया गया है कि नवरात्र के पांचवें दिन देवी के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। प्रेम और वात्सल्य की देवी हैं स्कंदमाता।