दो क्षणिकाएं: हमदर्दी और गवाह
हमदर्दी
दुर्घटना में पप्पू की टांग में फ्रैक्चर हो गया,
पप्पू को डॉक्टर के पास जाना था, सो गया,
डॉक्टर ने कहा- ”बाएं पैर में फ्रैक्चर है, प्लास्टर चढ़ेगा.”
यह सुनकर पप्पू बहुत खुश हो गया.
वह डॉक्टर से बोला- ”डॉक्टर साहब, एक कृपा करिएगा,
जरा दाएं पैर में भी प्लास्टर चढ़ा दीजिएगा,
डॉक्टर ने कारण पूछा, पप्पूने फरमाया-
”रिजल्ट आने वाला है, दूसरा पैर बाबूजी तोड़ देंगे,
आप हमदर्दी का मरहम लगाकर मुझे बचा लीजिएगा.
गवाह
प्रेमी और मुसीबतों का चोली-दामन का साथ है,
पता ही नहीं लगता, इसमें किसका कितना हाथ है!
प्रेमी की मोहब्बत के बस दो ही गवाह थे,
एक वह और दूसरी उसकी दादी.
प्रेमी की मुसीबत की तो तब हद ही हो गई,
अब गवाह को कहां से लाया जाए,
एक मुकर गई और दूसरी गुजर गई!
बहुत खूब 😃😃
प्रिय रमाकांत भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
हा हा हा हा… बहुत सुन्दर क्षणिकाएं!
प्रिय विजय भाई जी, ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
हा हा , बहुत बढ़िया लीला बहन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. आपके हंसने से हमको बहुत खुशी मिली. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
आज 1 अप्रैल के दिन को हम अप्रैल फूल बनने-बनाने यानी हंसने-हंसाने का दिन मानते हैं. हंसिये-हंसाइये, मगर ध्यान रहे कोई तन-मन से घायल या चोटिल न हो. आज ही ईस्टर संडे भी है और आज से ही नया वित्त वर्ष 2018-19 शुरू हो गया है.