गीतिका/ग़ज़ल

हम

भारत भू के टुकड़े – टुकड़े कभी  न  होने देंगे हम,
राष्ट्रद्रोह के शैतानी बीज कभी न उपजने देंगे हम

तुम जाति-धर्म के लफ्जों से कितनी नफरत फैलाओगे,
निज मातृभूमि हित सब चोटें मिलकर सह जायेंगे हम

नमन गांधी, नेहरू, भगत सिंह, अंबेडकर को बारम्बार,
योगदान दिया है सबने अपना-अपना यह न भूलें हम

नेताओं का क्या, सत्ता हेतु शहीदों के कफ़न चुराते हैं,
इन धूर्तों की बातों में आकर लडकट मर जाते हैं हम

निज स्वार्थ मिटाना होगा, राष्ट्रहित सब सह जाना होगा,
साथी मिलकर भारतमाता का वंदन-अभिनंदन करें हम

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111