हम
भारत भू के टुकड़े – टुकड़े कभी न होने देंगे हम,
राष्ट्रद्रोह के शैतानी बीज कभी न उपजने देंगे हम
तुम जाति-धर्म के लफ्जों से कितनी नफरत फैलाओगे,
निज मातृभूमि हित सब चोटें मिलकर सह जायेंगे हम
नमन गांधी, नेहरू, भगत सिंह, अंबेडकर को बारम्बार,
योगदान दिया है सबने अपना-अपना यह न भूलें हम
नेताओं का क्या, सत्ता हेतु शहीदों के कफ़न चुराते हैं,
इन धूर्तों की बातों में आकर लडकट मर जाते हैं हम
निज स्वार्थ मिटाना होगा, राष्ट्रहित सब सह जाना होगा,
साथी मिलकर भारतमाता का वंदन-अभिनंदन करें हम