आगे बढ़ो
राह चाहे काँटों भरी हो,सर पर गुलाब रहता है,
केवल रात अँधेरी नहीं, राकेश का नूर आकाश पे रहता है,
शमा कि हिम्मत तो देखो,सूरज ढलने का उसे भी इंतज़ार रहता है,
शर्त ये है कि तुम भी आगे बढ़ो
रख दो तसवीर बदल कर दुनिया की,
माना जीवन दुष्वार सही,पर उसे भी “साहसी” का इंतज़ार रह्ता है-
अगर तुम चाहो–
तुम चाँद तारो को तोड़ सकते हो,
तुम चाहो तो, रेत के भी महल बना सकते हो,
तुम चाहो तो —
पत्थर पर फूल खिला सकते हो,
पर्वतो पर राहें बना सकते हो,
बस
बस ज़रूरत हे
एक कदम की एक शुरुआत की,
जो तुम सिर्फ तुम कर सकते हो!
यदि इरादा हो मज़बूत लक्ष्य हो सामने,
उत्साह हो दिल में
उमंग हो जीवन में,
तो देर किस बात की
उस कदम को उठा
दिखादे इस गगन को तू भी उड़ सकता है,
उस पंछी की तरह जो छू लेना चाहता हे नभ को ,
उसकी उचाईयों को……
फिर देख सफलता कैसे तेरे कदम चूमेगी
खुशियाँ तेरे दामन को कैसे भर देंगी
यह आँखों की चमक तेरे
उस सपने को साकार करेंगी
जो तु म ने कभी देखे थे,
चाहे थे उन्हें तुझे पाना हे
तो उठ बड़ा वो कदम
मंजिल को हे तेरा
इंतज़ार इंतजार इंतजार …
— जय प्रकाश