पदक की खेती
पिता किसान हों और खेती करते हों, तो स्वभावतः उनकी इच्छा होती है, कि बेटा भी खेती करे. हरियाणा के शादीपुर गांव के किसान बिजेंदर ने जब अपने बेटे दीपक को फावड़ा चलाते देखा तो उन्हें उनकी ताकत का अहसास हुआ. आज उसी बेटे दीपक लाथेर ने पदक की खेती में सफलता पाई है.
बिजेंदर जी ने अपने बेटे दीपक की ताकत का अहसास करते ही स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से सम्पर्क किया. 2008 में ट्रायल के दौरान उन्होंने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. इसके बाद उनका चयन पुणे की स्पोर्ट्स अकादमी के लिए हुआ। यहां उन्हें डाइवर के रूप में चुना गया था. दीपक तो वेटलिफ्टिंग करना चाहते थे और बाद में उनका इसमें चयन भी हो गया.
2015 में उनकी मेहनत रंग लाने लगी जब उन्होंने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के यूथ (अंडर-17) 62किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद एशियन यूथ चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाले भारत के सबसे युवा वेटलिफ्टर बन गए. 2016 में उन्होंने 62 किलोवर्ग में स्नैच का नैशनल रेकॉर्ड बनाकर 267 किलोग्राम भार उठाया और महज 15 साल की उम्र में सबसे युवा चैंपियन बने.
दीपक लाथेर ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुषों के 69 किलोग्राम भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को चौथा पदक दिलाया है. तीसरे दिन भारत को वेटलिफ्टिंग से ही 2 और गोल्ड मेडल मिले. दिन का पहला गोल्ड 77 किलोग्राम भारवर्ग में सतीश कुमार शिवलिंगम ने दिलाया और इसके बाद 85 किलो वर्ग कैटिगरी में वेंकट राहुल ने भारत की झोली में चौथा गोल्ड डाल दिया. संयोग है कि भारत को शुरुआती छहों पदक वेटलिफ्टिंग में ही मिले हैं. खेलों के पहले दिन मीराबाई चानू ने महिलाओं के 48 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड मेडल जीता था और गुरुराजा ने पुरुषों के 56 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल हासिल किया था. दूसरे दिन वेटलिफ्टर संजीता चानू ने गोल्ड कोस्ट में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत के लिए दूसरा गोल्ड मेडल जीता और दीपक लाथेर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता.
21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में पदकों की खेती इसी प्रकार लहलहाती रहेगी.
कॉमनवेल्थ खेलों के तीसरे दिन भी वेटलिफ्टिंग में भारत का शानदार परफॉर्मेंस जारी रहा। तीसरे दिन भारत को वेटलिफ्टिंग से 2 और गोल्ड मेडल मिले। दिन का पहला गोल्ड 77 किलोग्राम भारवर्ग में सतीश कुमार शिवलिंगम ने दिलाया और इसके बाद 85 किलो वर्ग कैटिगरी में वेंकट राहुल ने भारत की झोली में चौथा गोल्ड डाल दिया। भारत ने अभी तक कॉमनवेल्थ खेलों में 4 गोल्ड जीते हैं और चारों ही गोल्ड उसे वेटलिफ्टिंग कैटिगरी से मिले हैं। इन खेलों में कुल मिलाकर यह भारत का छठा पदक है। भारत को ये सभी पदक वेटलिफ्टिंग में ही मिले हैं।