गज़ल
बिना शादी कुँवारा कह दुलारा हो नहीं सकता
भले चाहे मगर जुगनू सितारा, हो नही सकता
घिरे मुश्किल सहारा बन नज़ारा हो नहीं सकता
किसी को मन लुभाये जो किनारा हो नही सकता
पिता जो कह इशारा माँग नारा हो नहीं सकता
भरा दिल से मुहब्बत के तुम्हारा हो नहीं सकता
असर ये आशिकी कब तक चलेगा हो नहीं सकता
लिये इक पल तिरे ख्वाबों से तुम्हारा हो नहीं सकता
घटेगी अहिस्ता ताकत निराशा में बने रहना
बढा जो क्रोध तो गम का उतारा हो नहीं सकता
रहो साथी हमेशा सोच हारा हो नहीं सकता
जरा गलती करे प्यारा नकारा हो नहीं सकता
— रेखा मोहन