लघुकथा

प्रेरणा

लगभग 20 साल से मोटर निऊरोन डिज़ीज़ के चलते हुए भी वे जीवन को सक्रिय बनाए रखे हुए हैं और लेखन के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर औरों की प्रेरणा भी बन रहे हैं. कभी-कभी वे पीछे मुड़कर अपने अतीत पर नजर डालते हैं.

एक चलता-फिरता-उड़ता, गाता-गुनगुनाता पंछी अचानक चलने-गाने से मजबूर हो जाए, तो क्या हो? ऐसे ही एक दिन जब वे अपने बगीचे में बैठे थे, अचानक उनकी नज़र सेब के एक दरख्त पर एक स्पाइडर पर पड़ी जो ताना-बाना बुन रहा था. वे भीतर से मैग्नीफाइंग ग्लास ले आए, जिस से सब कुछ बहुत साफ दिखाई दे रहा था. स्पाइडर इतना अच्छा जाल बुन रहा था जैसे औरतें क्रोशिये से मेज पोश बनाती हैं. वे देख-देखकर खुश होते और एक दिन वही स्पाइडर उनकी प्रेरणा बन गया.

प्रेरणा लेने वाला कहीं से भी प्रेरणा ले सकता है. उनको अध्ययन का बहुत शौक है. रोज रात को सोने से पहले वे कोई अच्छी किताब जरूर पढ़ते हैं. एक दिन उन्होंने स्टीफन हॉकिंग की जीवनी पढ़ी. 21 साल की उम्र में amyotrophic lateral sclerosis (ALS) नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त स्टीफन हॉकिंग ने कई दशकों तक अपने को सक्रिय बनाए रखा और अपनी जानलेवा बीमारी को मात देकर बिना थके-रुके ब्रह्मांड के अनेक रहस्यों को दुनिया के सामने रखा. कई सालों से मोटर निऊरोन डिज़ीज़ के चलते हुए उन्होंने स्टीफन हॉकिंग की जीवनी को भी प्रेरणा बना दिया. नतीजतन आज वे जीवन को सक्रिय बनाए रखे हुए हैं और लेखन के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर औरों की प्रेरणा भी बन रहे हैं.

हॉकिंग ब्रह्मांड को समझ पाए पर महिलाओं को नहीं, लेकिन वे अपनी पत्नी के सहयोग से आगे बढ़ रहे हैं और पत्नी को भी आगे बढ़ा रहे हैं. दोनों एक दूसरे की प्रेरणा हैं.

सबको सहयोग देने और सबका सहयोग पाने वाले प्रेरणा के स्त्रोत हैं 75 साल के चिरयुवा गुरमैल भाई.

 

पुनश्च-

प्रिय गुरमैल भाई जी, जन्मदिन और विवाह की सालगिरह पर आपको और भाभीजी को कोटिशः बधाइयां और शुभकामनाएं-

”अपने संग खुशियों की बहारें है लाया,
हमारी शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई है लाया,
फूलों ने आपको हमारा पैगाम सुनाया,
आपके जन्मदिन और विवाह की सालगिरह का सुनहरा दिन है आया.”

 

इस अवसर पर अन्य पठनीय ब्लॉग-

जन्मदिन और विवाह की सालगिरह साथ-साथ? भई वाह!

https://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/rasleela/%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B9-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%97%E0%A4%BF/

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “प्रेरणा

  • लीला तिवानी

    प्रेरणा लेना चाहूं तो
    प्रकृति का हर सृजन प्रस्तुत है,
    मुझे प्रेरणा देने को.
    लंबे-लंबे डग भरकर चलते हुए किसी लंबे व्यक्ति को
    तेज़ी से चलते देखकर
    प्रेरणा मिलती है लंबे डग भरकर चलने की,
    किसी लंगड़ाते हुए व्यक्ति को
    दौड़ते हुए देखकर
    प्रेरणा मिलती है दौड़ते रहने की,
    किसी मुरझाए हुए फूल को
    पुनः खिलते हुए देखकर
    प्रेरणा मिलती है पुनः-पुनः खिलते रहने की,
    रेस में गिरकर हारते हुए व्यक्ति को
    रेस जीतते हुए देखकर
    प्रेरणा मिलती है कभी हार न मानते रहने की.
    इसी प्रेरणा ने मुझे शक्ति दी है
    किसी भी हाल में
    हर परिस्थिति का सामना करते रहने की.

    यही विशेषता गुरमैल भाई की भी है. उनको जन्मदिन और विवाह की सालगिरह पर बहुत-बहुत बधाइयां और शुभकामनाएं.

Comments are closed.