लघुकथा

लघुकथा – फैंसी ड्रैस

सलाना समारोह बाद कालिज में फैंसी ड्रैस प्रोग्राम होना था| रीना और सुरिंदर दोनों अपनी टूयूटर के पास नाम लिखवाने गयीं| टूयूटर बोली, “पहले आना था अब प्रतियोगी गिनती पूरी हो गई है|” दोनों ने बहुत मिन्नतें की पर मैडम नहीं मानी| रीना में अहम बहुत था, उसने आखिरी कोशिश की , जो स्टेज़ कंडक्ट कर रहा था उसको बोली, “हमे हर हाल में फैंसी ड्रैस में  भाग लेना है| कृपा कर छोटा रोल है रख लों|”

उससे अपना थीम बता नाम लिखा लिया| स्टेज़ कंडक्ट सर बोले , “इतने थोड़े समय में बिना तैयारी कैसे होगा?” रीना और सुरिंदर ने कहा, “हम बढिया प्रोफर्मेंस देंगे, आपको कोई शिकायत न होने देंगे |” आईटम थीम “गरीबों पर उपकार” रीना ने कालिज के चोकीदार के कपड़े और सुरिंदर ने उसकी पत्नी की साड़ी पहनकर दोनों बच्चों को साथ लेकर गाना शुरू कर दिया, “दे दाता के नाम तुझको अल्लहा रखे, सारे पंडाल में रीना की सुरीली आवाज़ गूंज से माहौल में मस्ती और हंसी का वातावरण बन गया|”  समारोह का मुख्य मेहमान और प्रिसिपल ने चैक पात्र में ड़ाल थपकी दी, उसके बाद तो पैसों की बरसात शुरू हो गई | उनको तो पैसे पकड़ते शर्म आने लगी, दोनों अब  तो ज़ल्दी से सर झुका भागने लगी और टूयूटर मैडम को सब रकम पकड़ा, कालिज को दान जब बताकर खुद ही असमंजस में सी हो गई | समारोह में जो फोटो क्लिक हुई और अगले दिन कालिज के नाम साथ उनकी फोटों देख सभी जगह खुशी और हंसी के फब्बारे छुट रहे थे|

मौलिक और अप्रकाशित|

रेखा मोहन ३१/३/१८

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]