मौसम
देखकर मौसम का मिजाज
कोई भूला याद आता है ।
न जाने क्यों जिंदगी से कोई
अनजान नाता जुड़ जाता है ।
बीत जाएँ चाहे हजारों सदियाँ
पर दिल न जाने क्यों ,
भूल नहीं ….पाता है ।
रहता है दिल को आज भी
किसी अनजान का इन्तजार
कैसा है ……वो क्यों
मेरे दिल को जलाता है