जागरुकता
जागरुकता का प्रचार-प्रसार करने के लिए लोग अनेक जतन करते हैं. क्यों न करें? जागरुकता देश-समाज के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक जो है. फिर जिसका नाम ही किरण हो, उसका तो काम ही है जागरुक करना. किरण वर्मा ‘ब्लड वॉरियर’ हैं.
किरण ने जागरुकता के लिए ‘ब्लड वॉरियर’ बनने का विकल्प क्यों चुना? इसका भी एक कारण है. 33साल के किरण ने अध्ययन किया- ”भारत में हर साल 12,000 से भी ज्यादा लोग खून की कमी के चलते अपनी जान गंवा देते हैं, जबकि 6,00,000 यूनिट खून ब्लड बैंक और अस्पतालों के बीच तालमेल न होने के कारण बर्बाद हो जाता है”.
इस अंतर को खत्म करने और लोगों को रक्तदान के बारे में जागरूक करना बहुत
जरूरी है. उनका लक्ष्य ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को रक्तदान के लिए बनाए गए डेटाबेस से जोड़ने का है, जिससे जरूरत के समय पर खून मिल सके. अपने सफर के दौरान वे कम-से-कम 1.5 लाख लोगों को डेटाबेस से जोड़ना चाहते हैं. वह लोगों को रक्तदान को व्यापार बना चुके दलालों से बचने के लिए भी सतर्क करते हैं.
सिंप्ली ब्लड के संस्थापक किरण ने इसी साल 26 जनवरी से अपना सफर श्रीनगर के लाल चौक से शुरू किया. श्रीनगर से चलकर अब तक वह 6000 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर चुके हैं. अब तक उदयपुर, वडोदरा, चेन्नै और बेंगलुरु होते हुए वे केरल पहुंचे हैं.
रक्तदान के लिए जागरुकता फैलाने के लिए किरण वर्मा पैदल सफर कर रहे हैं.
रक्तदान-जागरुकता के लिए पैदल चलकर किरण वर्मा का यह काम तारीफ़े काबिल है-
मुश्किलों से भाग जाना आसान होता है,
हर पहलू ज़िंदगी का इम्तिहान होता है,
डरने वाले को कुछ नहीं मिलता ज़िंदगी में,
लड़ने वाले के कदमों में जहान होता है.