बाल कविताशिशुगीत

नन्हा टिंकू

नन्हा टिंकू गया बजार,
लेकर आया केले चार.

केला एक दिया ममी को,
केले रह गए बाकी तीन,
बोला, ”कौन बजाए बीन?”

केला एक दिया पापा को,
केले रह गए बाकी दो,
बोला, ”कौन रहा है रो?”

केला एक दिया पप्पू को,
केला रह गया बाकी एक,
बोला, ”कौन-कौन है नेक?”

केला खाया टिंकू ने भी,
सचमुच टिंकू बालक नेक,
उसको देंगे अच्छा केक.

नन्हा टिंकू गया बजार,
लेकर आया केले चार.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “नन्हा टिंकू

  • लीला तिवानी

    मीडिया और गणित के सूत्र

    मीडिया और गणित दोनों एक जैसे हैं…
    .
    .
    .
    .
    दोनों में हर चीज सूत्रों से पता चलती है।

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