कौन आसिफा? कौन है गीता?
औरत की अस्मत भी देखो, दो धर्मों में डोल रही
कौन आसिफा कौन है गीता, रह रह कर के बोल रही
हमने भेद किया ही नही, जब भी नारी की बात उठी
औरत बहन,बहू और बेटी, सब की एक आवाज उठी
रैली निकली, नारे निकले, हिन्दू मुस्लिम साथ हुए
नाम आसिफा भले था उसका,पर धर्म सभी थे साथ हुए
पर एक बात नही समझी मेने,ये कैसे कैसे मनभेद हुए
नाम मदरसे का जब आया,सब के सब ये मौन हुए
कोई गीता भाभी कहता,कोई निकाह की बात करे
गीता की अस्मत को देखो, जानबूझ बर्बाद करे
“जस्टिस फ़ॉर आसिफा” देखो जल्दी कैसे लॉन्च हुआ
बॉलीवुड का पकड़ के दामन, बड़ा सा केंडल मार्च हुआ
नही विरोधी में रैली का,ना विरोध प्रदर्शन का
में विरोध करता हूँ इनके, दोहरे मापदंडों का
कहाँ गई बॉलीवुड गैंगे, कहाँ गए सब लाल सलाम
गीता को इंसाफ दिलाने,नही आया कोई ऐसा नाम
कहाँ गए वो राहुल बाबा,जो आधी रात को निकले थे
मोमबत्तियां हाथ मे लेकर,बड़ी जोर से बिफरे थे
जागो आओ सब मिल कर के,इनको सबक सिखाना है…
भले आसिफा हो या गीता, हमको सबको बचाना है
— पुरुषोत्तम जाजु
बहुत खूब
धन्यवाद!