कीटों की कहानी: उनकी ज़ुबानी
मलेरिया का वाहक हूं,
आपके खून का ग्राहक हूं,
ज्वर फैलाना मेरा काम,
मच्छरमल है मेरा नाम,
सबको ही है मेरा सलाम.
जहां कहीं हो कूड़ा-कचरा,
निर्भय आती-जाती हूं,
मैं मक्खी हूं रोगों की जड़,
पेचिश-हैजा लाती हूं,
अच्छा अब मैं जाती हूं.
सुनो-सुनो जो कहती हूं,
बालों में मैं रहती हूं,
सिर पर चढ़ना मेरा काम,
जूं देवी है मेरा का नाम,
सबको मेरा राम-राम.
छः पैरों से चलता हूं,
चारपाई में रहता हूं,
खून चूसना मेरा काम,
मिस्टर खटमल मेरा नाम,
यहां नहीं अब मेरा काम.
रंगबिरंगी होती हूं,
फूलों का रस लेती हूं,
कहते सभी सयानी हूं,
प्यारी तितली रानी हूं,
फूलों पर अब जाती हूं.
मैं चूहा हूं, कम मत समझो,
काटना-कुतरना मेरा काम,
कागज़ काटूं, कुतरूं फाइलें,
नाम हुआ चाहे हुआ बदनाम.