गीतिका/ग़ज़ल

हम मुस्कुरायेंगे

सही वक़्त आने दो
उन्हें हम बताएंगे
जिसने आज ठुकराया
वही गले लगाएंगे
हमने कर ली तैयारी
आगे बढ़ जाएंगे
वो बैठेंगे दरिया पर
हम तैर कर दिखाएंगे
उसने की बेवफाई
उसे भी निभाएंगे
बहुत गुरूर था खुद पर
अब आँसू बहाएंगे
उसको चला छोड़कर
कुछ करके दिखाएंगे
वो जब देखेंगे मुझे
अपनी नजरें झुकाएंगे
बहुत हो गया है अब
हम अपनी मंजिल पाएंगे
वो देखते रहेंगे और
हम मुस्कुरायेंगे
    – रमाकान्त पटेल

रमाकान्त पटेल

ग्राम-सुजवाँ, पोस्ट-ढुरबई तहसील- टहरौली जिला- झाँसी उ.प्र. पिन-284206 मो-09889534228

2 thoughts on “हम मुस्कुरायेंगे

  • कुमार अरविन्द

    गजब

  • कुमार अरविन्द

    गजन

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