होगा
खोल के रख दी है संदूक दिल की
मेरे पास अब छुपा हुआ राज क्या होगा?
मौत से हमदर्दी है मेरी बेवफा से नहीं
जिंदगी फिर से, तो मेरा जवाब क्या होगा?
कलम से पक्के किये है उसूल अपनी सांसों के
कितना जिया मैं!पास मेरे हिसाब क्या होगा ?
खोल के रख दी है संदूक दिल की
मेरे पास अब छुपा हुआ राज क्या होगा?
मौत से हमदर्दी है मेरी बेवफा से नहीं
जिंदगी फिर से, तो मेरा जवाब क्या होगा?
कलम से पक्के किये है उसूल अपनी सांसों के
कितना जिया मैं!पास मेरे हिसाब क्या होगा ?