इको-फ्रेंडली का जलवा
पर्यावरण को हमें हर हाल में बचाना है,
आने वाली पीढ़ी को देना ये नज़राना है.
पर्यावरण में सुधार के लिए इको-फ्रेंडली के बारे में बातें तो सब करते हैं, लेकिन जब उसे अमली जामा पहनाने का अवसर आता है, तो इको-फ्रेंडली सिर्फ़ कहने की बात बनकर रह जाती है. पुणे के जीरो बजट नैचरल फार्मिंग स्टोर चलाने वाले चेतन गायकवाड़ और पूनम घोलप की शादी में सचमुच इको-फ्रेंडली का जलवा देखने को मिला.
वेडिंग इन्विटेशन भी वॉट्सऐप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए भेजा गया था. शादी में आने वाले मेहमानों को इको-फ्रेंडली माहौल देखकर अचंभा नहीं हुआ, क्योंकि इन्विटेशन कार्ड में पहले से इन सब चीजों के बारे में बताया गया था.
शादी में जहां स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया गया, वहीं मेन्यू में शामिल व्यंजनों के लिए ऑर्गैनिक तरीके से तैयार की गई सब्जियों और अन्य मटीरियल का इस्तेमाल हुआ. मैरिज हॉल भी ऐसा सिलेक्ट किया, जहां नैचरल लाइटिंग अच्छी हो, बर्तन सारे स्टील के हों, साथ ही न ही डीजे लगाया गया और न ही आतिशबाजी की गई.
इस शादी में इस बात का ख्याल भी रखा गया कि शादी समारोह में कुछ भी ऐसा न हो, जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाता हो, इतना ही नहीं उन्होंने शादी में मिले गिफ्ट और पैसों को भी सामाजिक कार्यों में खर्च करने का फैसला किया है. कपल ने न्योते के तौर पर मिलने वाले पैसों को भी लेने से इनकार कर दिया. दरअसल स्टेज के पास ही एक कलश रखा हुआ था, जिसमें रिश्तेदारों और मेहमानों से न्योता डालने को कहा गया. इन पैसों का इस्तेमाल वृक्षारोपण और अन्य कार्यों में किया जाएगा.
आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण में सुधार के लिए इको-फ्रेंडली नज़राना देना दूल्हा-दुल्हिन और उनके अभिभावकों ने अत्यावश्यक समझा.
आजकल आम लोग भी ई-इन्विटेशन भेजने लगे हैं. ई-इन्विटेशन भेजने सुगम भी हैं सस्ते भी यानी धन और समय दोनों की बचत होती है.
सोनम ने भेजे ई-इन्विटेशन : सिर्फ 1200 रु. में शादी की साइट करवा सकते डिजाइन.
ज्ञातव्य है कि पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर 8 लाख साल में सबसे ज्यादा, खतरनाक स्तर पर होगी ग्लोबल वॉर्मिंग