“पिरामिड”
हो
गई
बेगानी
रातरानी
मंद खुशबू
महकाती गली
सूखने लगी कली॥-1
हो
गया
बेगाना
अनजाना
नया बहाना
दिल का चुराना
मत शोर मचाना॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
हो
गई
बेगानी
रातरानी
मंद खुशबू
महकाती गली
सूखने लगी कली॥-1
हो
गया
बेगाना
अनजाना
नया बहाना
दिल का चुराना
मत शोर मचाना॥-2
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी