गीतिका/ग़ज़ल

जो खुशी गम के पल आते जाते रहे

जो खुशी गम के पल आते जाते रहे,
कुछ रहे याद कुछ हम भुलाते रहे ।
नींद रातों की छीनी थी कुछ ख्वाबों ने,
खुद जगे ख्वाबों को हम सुलाते रहे ।
खुद तो भटके थे राहों में कब से मगर,
रास्ते हम सभी को दिखाते रहे ।
हां छुपा था बहुत दर्द मन में मगर,
इन लबों से सदा मुस्कुराते रहे ।
दौर गम का भी एक दिन गुजर जाएगा,
दर्द ए मस्ती में भी गुनगुनाते रहे ।
था यकीं कोई भी साथ देगा नहीं,
खामखां लोगों को आजमाते रहे ।
दिल में तन्हाई ने दी थी दस्तक कभी,
हम दीवारों को किस्से सुनाते रहे ।
जानते थे हकीकत सभी की मगर,
आईना सच का सबसे छुपाते रहे ।

नीतू शर्मा

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]