कविता

कविता : प्यार

प्यार रिश्तों की धरोहर है,

और इस धरोहर

को बनाये रखना

हमारी संस्कृति

एकता और अंखडता है।

यह अनमोल है।

प्यार

अमूल्य निधि है,

इसकी अनुभूति

किसी योग साधना

से कम नहीं

इसके रूप अनेक हैं

लेकिन

नाम एक हैं।

प्यार

निर्झर झरनों की तरह

हमारे दिलों में

बहता रहे

यही जीवन की

धरोहर है ।

कालिका प्रसाद सेमवाल

 

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171