कविता

अंतरात्मा

मेरा संबंध तुमने

अंतरात्मा का है।

हाँ बाहृा जगत में

हम पृथक ही सही,

न दिखे ये रिश्ता

जग में कहीं

मन का जुड़ाव

मन से तो है ।

मेरा संबंध तुमने

अंतरात्मा का है।

भू से अंबर तक

हर जगह तुम

मेरी नजरों में हो।

मेरी हर धडकन में तुम

जैसे हवा का संचार,

सांसो के लिये है,

जल का सिंचन,

जीवन के लिये है।

वैसे ही एक से हम,

और हमारी आत्मा है।

मेरा संबंध तुमसे,

अंतरात्मा का है।

कालिका प्रसाद सेमवाल

कालिका प्रसाद सेमवाल

प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, रतूडा़, रुद्रप्रयाग ( उत्तराखण्ड) पिन 246171