सूरज, तुम फिर भी चमकते रहोगे
वैज्ञानिक भले ही अनुमान लगाते रहें,
कि एक दिन यूं हमेशा के लिए ‘अस्त’ हो जाएगा सूरज,
हम भले ही आम भाषा में कहते रहें,
सूरज अस्त हो गया, सूरज उदित हो गया,
तुम न अस्त हो, न उदित होते हो,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों का अनुमान है,
कि आने वाले 10 अरब साल बाद,
तुम इंटरस्टेलर गैर और धूल का एक चमकदार छल्ला बन जाओगे,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों का अनुमान है,
ग्रहों और तारों के,
इंटरस्टेलर गैर और धूल का एक चमकदार छल्ले बनने को,
ग्रहों की निहारिका (प्लेनेटरी नेबुला) के तौर पर माना है,
जो सभी तारों की 90 प्रतिशत सक्रियता की समाप्ति का संकेत देता है,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों का अनुमान है,
जब एक तारा खत्म होने की कगार पर होता है,
तो वह अंतरिक्ष में गैस और धूल का एक गुबार छोड़ता है,
जिसे उसका एनवलप कहा जाता है,
यह एनवलप तारे के भार का करीब आधा हो सकता है,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों का अनुमान है,
तारे के भीतरी गर्म भाग के कारण ही,
उसके द्वारा छोड़ा गया एनवलप करीब 10,000 साल तक,
तेज चमकता हुआ दिखाई देता है,
इसी से ग्रहों की निहारिका साफ दिखाई पड़ती है,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों का अनुमान है,
एनवलप छोड़े जाने के बाद,
तारे तीन गुणा ज्यादा तेजी से गर्म होते हैं,
इससे सूरज जैसे कम भार वाले तारों के लिए,
चमकदार निहारिका बना पाना आसान हो जाता है,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
वैज्ञानिकों की बात मान भी लें,
तो आने वाले 10 अरब साल बाद,
आज के ये वैज्ञानिक न होंगे, हम न होंगे,
10 अरब साल बाद अपना,
एनवलप छोड़े जाने के बाद,
चमकदार निहारिका के रूप में तुम रहोगे,
तुम फिर भी चमकते रहोगे.
लीला बहन , रचना बहुत अछि लगी .
प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत प्रेरणादायक लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. हमें भी आपकी प्रतिक्रिया बहुत सुंदर, सटीक व सार्थक लगी. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
सूरज से सारी दुनिया चमकती है, सूरज किसी-न-किसी रूप में हमेशा चमकता ही रहेगा.