कविता

माँ

माँ ममता की विशाल वट वृक्ष है
माँ का हृदय असीम है
माँ के आगोश में विश्वास है
माँ के छाया में सपने हैं
माँ की छाती में अमृत है
माँ के लाड़ में जीवन है
माँ के त्याग में जग का कल्याण है
माँ के संघर्ष में हमारा भविष्य है
माँ के आँचल में संसार का सार है
माँ के चरणों में स्वर्ग है
माँ तू दिव्य है
माँ तेरे चहुंओर अलौकिक शक्ति व्याप्त है
माँ तू ऊर्जा का स्रोत है
माँ तू मेरा सर्वस्व है
माँ तू ही मेरी कविता है
माँ तू ही मेरी लेखनी है
माँ तू ही मेरी प्रेरणा है
माँ तू जन्मदात्री है
माँ तू जीवनदायिनी है
माँ तू सृष्टि है
माँ तू अनंत है
माँ तू असीम है
माँ तू अविनाशी है
माँ तू सर्वशक्तिमान है
माँ तू शक्ति है
माँ तू ईश्वर तुल्य है
माँ तुझे कोटि-कोटि वंदन।
सादर चरण स्पर्श॥

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]