होट पर मुस्कान चेहरे पर खुशी अच्छी लगी..
होट पर मुस्कान चेहरे पर खुशी अच्छी लगी
हो रही है आप में जो तब्दिली अच्छी लगी
दिख रहा है साफ़ सब कुछ आज मुझको दोस्तो
जगमगाहट से कहीं कम रोशनी अच्छी लगी
तन बदन दिखला रहे मँहगे लिबासों से मुझे
साड़ियों में मुस्कुराती सादगी अच्छी लगी
दर्द में मेरे दिखी जो दोस्तों की आँख में
ज़िन्दगी की हर खुशी से वो नमी अच्छी लगी
हो गया था तीरगी से प्यार मुझको और फिर
बन गये तुम हमकदम तो चाँदनी अच्छी लगी
ज़िन्दगी उकता रही थी दर्द ग़म की कैद में
मुद्दतों के बाद ये आवारगी अच्छी लगी
गा रहे थे गीत जो दरबारियों के आज तक
गीत में उनके ढ़ली संजीदगी अच्छी लगी
सतीश बंसल
२२.०५.२०१८