मुक्तक – नशेड़ी
बन के नशेड़ी इंसान हैवान बन जाते हैं,
कभी-कभी तो पीकर भगवान बन जाते हैं।
परिवार को गाली देते, सड़कों पर लेटते,
अच्छे खासे पद को भी बदनाम कर जाते हैं।।
—प्रदीप कुमार तिवारी—
बन के नशेड़ी इंसान हैवान बन जाते हैं,
कभी-कभी तो पीकर भगवान बन जाते हैं।
परिवार को गाली देते, सड़कों पर लेटते,
अच्छे खासे पद को भी बदनाम कर जाते हैं।।
—प्रदीप कुमार तिवारी—