“हेलमेट सिर पर रखो”
आस-पास होने लगा, सड़कों का विस्तार।
लेकिन इससे हो गयी, बहुत तेज रफ्तार।।
सड़क किनारे लगेंगे, छायावाले वृक्ष।
इस पर भी अब टिप्पणी, करने लगा विपक्ष।।
स्वच्छ बने वातावरण, सुधरें सबके हाल ।
पेड़ों पर खिल जायगें, सुमन चटक जब लाल।।
हेलमेट सिर पर रखो, दोपहिए के साथ।
सुखद सफर होगा तभी, जब रक्षित हो माथ।।
मानव बनकर कीजिए, अच्छे-अच्छे काम।
सत्कर्मों से ही सदा, होता जग में नाम।।
खरबूजा देता हमें, गर्मी में आराम।
लाल-लाल तरबूज भी, हर लेता है घाम।।
—
राधा तिवारी ‘राधेगोपाल’