सबसे प्यारी मां
(बाल काव्य सुमन संग्रह से)
माता मेरी सबसे प्यारी,
सारे जग से है वह न्यारी,
दुनिया में प्यारी मां जैसा,
कोई नहीं होता उपकारी.
कई देवता मना-मनाकर,
मां बालक को पाती है,
आंख की पुतली से भी ज़्यादा,
उस पर प्यार लुटाती है.
खुद खाए या नहीं, कभी भी,
उसे न भूखा रखती है,
उसको अमृत दे पाने की,
हरदम इच्छा रखती है.
बच्चे की छोटी-सी इच्छा,
बड़ा समझ पूरा करती,
अपनी पर्वत-सी इच्छा को,
उस पर न्योछावर करती.
मां की सेवा से हम अपने,
मन को तृप्त बनाएंगे,
माता की पावन धूलि से,
भू पर स्वर्ग सजाएंगे.
यही संदेश है ‘मातृ-दिवस’ का,
मां को भूल नहीं जाना,
मां की आशीष की छाया में,
पल-पल निर्भय बढ़ते जाना.
लीला बहन , माँ पर लिखी यह बहुत सुन्दर रचना है .
मां का नाम है अनमोल, मां का काम है अनमोल
मां की गोद है नूरानी, मां का धाम है अनमोल-
सीख मिली मां से ही मुझको, इंसां बन रहने की
हिम्मत मां से ही पाई है, सच को सच कहने की
मां के मीठे-मीठे बोल, मन में मिश्री देते घोल-मां की गोद है नूरानी—–
मां के प्यार ने हरदम मुझको, गोद में ले हर्षाया
मां की डांट ने भी मुझको है, नूतन पथ दिखलाया
देती सब भेदों को खोल, कहती तनिक न बेटा डोल-मां की गोद है नूरानी—–
मां तेरी सूरत ही मुझको, मेरी पहचान बताती
तेरी पूजा ही मां मेरी, पूजा है बन जाती
तेरे बिन मैं ज़ीरो गोल, तेरे मन में न कोई झोल- मां की गोद है नूरानी—–