” ———– रातों ही रात में ” !!
ये कहो कि क्या हुआ , हम तुम थे साथ में !
खो गये सभी कहीं , कुछ भी ना हाथ में !!
मच रहा बबाल है , तुम हाँ जो कर गये !
कर दिया अलग थलग , छोटी सी बात में !!
तुम भुला गये सभी , वो बातें नीम सी !
सब लगे मधुर मधुर , रातों ही रात में !!
तुम खुशी खुशी चले , रातों की नींद ले !
जा रहे खड़े अड़े , अगली ही पांत में !!
सुर उठे यहाँ वहाँ , चुप कोई आज ना !
रह गयी कमी कहाँ , कल की सौगात में !!
वे लगे भले भले , इसमें कुछ राज है !
हम हुए बुरे कहीं , बदले हालात में !!
हो रहे जुदा अगर , औरों का साथ ले !
हैं मुखर प्रश्न कई , ऐसे हालात में !!