वृक्ष की महिमा अनमोल बड़ी
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
हे वृक्ष तुम्हारी महिमा का क्या कहना है अनमोल बड़ी
तेरी रचनाएं देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
तुम तेज धूप सहकर भी हमें शीतलतम छाया देते हो
हरदम हमें देते रहते हो, हमसे कुछ भी नहीं लेते हो
तेरी ये अदाएं देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
दिन में हमें ऑक्सीजन देकर जीवन को रवानी देते हो
सीधे खड़े रह आनंद देकर बूढ़ों को जवानी देते हो
तेरी मुस्कानें देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
फल-फूल-अन्न-दालें-तिलहन, जड़ी-बूटियां तुमसे मिलती है
निर्माण हेतु लकड़ी देते, ईंधन भी तुम्हीं से मिलती है
तेरी सौगातें देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
पत्थर मारे कोई तुमको, बदले में उसे तुम फल देते
आंधी-तूफां-पानी में भी तुम सहनशील बनकर रहते
तेरी ये अदाएं देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
फल से लदकर हे वृक्ष हो तुम, हमें सीख नम्रता की देते
हर हाल में तुम मुस्काते हो, कटने-गिरने से नहीं डरते
तेरी शिक्षाएं देख-देख है सारी दुनिया चकित खड़ी-
(तर्ज- दिल लूटने वाले जादूगर अब मैंने तुझे पहचाना है———)
जैव विविधता को नुकसान
शहरीकरण के लिए तेजी से पेड़ों को काटा जा रहा है, उसी गति से वृक्षारोपण नहीं हो रहा है. इससे आगे चलकर स्वच्छ ऑक्सीजन की कमी और वन्यजीवों को विस्थापित होना पड़ सकता है. पेड़-पौधे सीधे तौर पर ग्लोबल वॉर्मिंग से लड़ते हैं. जैसे- मधुमक्खियों की आबादी घट रही है तो परागण की भूमिका के कारण इसका पर्यावरण के साथ-साथ खाद्यान्न उत्पादन पर भी असर होगा.