बाल कहानी

सबक

बहुत पुरानी बात है। नंदनवन में एक तालाब था। उसके किनारे एक बेल का पेड़ था। उस पेड़ पर एक नटखट बंदर रहा था। वह दिन भर उछलकूद करता रहता था। इस पेड़ से उस पेड़ और इस डाली से उस डाली पर वह छलांग लगाकर ऐसे-ऐसे करतब दिखाता कि दूसरे जानवर दाँतों तले ऊँगली दबा लेते। बंदर को शरारत करने में बहुत मजा आता था।

तालाब में पानी पीने जंगल के सभी जानवर आते थे। बंदर उन्हें खूब सताता। वह कभी उन्हें बेल फेंककर मारा करता, तो कभी उनकी पूँछ खींचकर पेड़ पर जा बैठता। सभी जानवर पेड़ पर नहीं चढ़ सकते। अगर कोई पेड़ पर चढ़ भी जाता तो बंदर उसको देखते ही देखते हवा में गोता लगाता हुआ दूसरे पेड़ पर जा पहुँचता और वह जानवर हाथ मलता रह जाता। सभी जानवर बंदर की इन कारगुजारियों से परे शासन थे।

एक दिन भालू ने एक सभा बुलाई। उसने कहा- ‘‘मनुष्य से मिलते-जुलते इस जानवर ने मनुष्य के समान ही हमारी नाक में दम कर रखा है। इसे किसी प्रकार से सबक सिखाना होगा ताकि भविष्य में वह किसी को परेशान न कर सके।’’

‘‘लेकिन वह तो हमारी पकड़ में आता ही नहीं, हम उसे कैसे सबक सिखाएँ ?’’ एक नन्हे खरगोश ने अपनी चिंता जताई। बात सही थी। सभी सोच में पड़ गए।

‘‘मैं उसे सबक सिखाऊँगी।’’ एक नन्हीं गिलहरी की आवाज सुनकर सभी जानवर चौक पड़े। सामने आकर गिलहरी ने अपना परिचय देकर योजना बताई जो सबको पसंद आई। सबने उसे शुभकामनाएँ दी और सभा समाप्त हो गयी।

योजनानुसार अगले दिन कुछ जानवर तालाब पर पानी पीने गए। स्वभाव से मजबूर बंदर पेड़ की डाली पर आराम से बैठकर बेल तोड-तोड़कर उन्हें मारने लगा। इधर नन्हीं गिलहरी चुपचाप पेड़ पर चढ़ गई और फूर्ती से बंदर की पूँछ को अपने नुकीली दाँतों से काट दिया जो कटकर नीचे गिर गया। बंदर दर्द से बिलबिला उठा।

सारे जानवर बंदर की कटी पूँछ को पकड़कर दुमकटा बंदर’ ‘दुमकटा बंदर’ उसे कहकर चिढ़ाने लगे।

— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

*डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा

नाम : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा मोबाइल नं. : 09827914888, 07049590888, 09098974888 शिक्षा : एम.ए. (हिंदी, राजनीति, शिक्षाशास्त्र), बी.एड., एम.लिब. एंड आई.एससी., (सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण), पीएच. डी., यू.जी.सी. नेट, छत्तीसगढ़ टेट लेखन विधा : बालकहानी, बालकविता, लघुकथा, व्यंग्य, समीक्षा, हाइकू, शोधालेख प्रकाशित पुस्तकें : 1.) सर्वोदय छत्तीसगढ़ (2009-10 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 2.) हमारे महापुरुष (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 10-10 प्रति नि: शुल्क वितरित) 3.) प्रो. जयनारायण पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 4.) गजानन माधव मुक्तिबोध - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 5.) वीर हनुमान सिंह - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 6.) शहीद पंकज विक्रम - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 7.) शहीद अरविंद दीक्षित - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 8.) पं.लोचन प्रसाद पाण्डेय - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 9.) दाऊ महासिंग चंद्राकर - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 10.) गोपालराय मल्ल - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 11.) महाराज रामानुज प्रताप सिंहदेव - चित्रकथा पुस्तक (2010-11 में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 1-1 प्रति नि: शुल्क वितरित) 12.) छत्तीसगढ रत्न (जीवनी) 13.) समकालीन हिन्दी काव्य परिदृश्य और प्रमोद वर्मा की कविताएं (शोधग्रंथ) 14.) छत्तीसगढ के अनमोल रत्न (जीवनी) 15.) चिल्हर (लघुकथा संग्रह) 16.) संस्कारों की पाठशाला (बालकहानी संग्रह) 17.) संस्कारों के बीज (लघुकथा संग्रह) अब तक कुल 17 पुस्तकों का प्रकाशन, 80 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का सम्पादन. अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादक मण्डल सदस्य. मेल पता : [email protected] डाक का पता : डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, विद्योचित/लाईब्रेरियन, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम, ब्लाक-बी, ऑफिस काम्प्लेक्स, सेक्टर-24, अटल नगर, नवा रायपुर (छ.ग.) मोबाइल नंबर 9827914888