दुबली-पतली 22 वर्षीया रेशमा एम.ए. फायनल ईयर की एक होनहार स्टूडेंट थी । पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, अच्छे व्यवहार और खूबसूरती में भी वह अपने कॉलेज में नंबर वन थी । कुछ महीने पहले ही उसके पिताजी का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था । एक दिन शाम को वह कॉलेज से अपने घर लौट […]
Author: डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
लघुकथा – एमर्जेंसी ड्यूटी
यह इत्तफ़ाक ही था कि जिस दिन उसे सावधि जमा योजना के पैसे मिले, उसी दिन गाँव से पिताजी का तार आया- ‘‘तुम्हारी माँ की हालत बहुत खराब है, अच्छा होगा कि उसे इलाज के लिए शहर ले जाओ।’’ वह सोच ही रहा था कि पत्नी ने कहा- ‘‘देखो जी अब तो कुछ पैसे इकट्ठे […]
तलाकशुदा
‘ऐ जी !’’ ‘‘हूँ।’’ ‘‘आपसे एक जरूरी बात करनी है। डरती हूँ कहीं आप बुरा न मान जाएं।’’ ‘‘ऐसी कौन सी बात है।’’ ‘‘आप मुझे तलाक दे दीजिए।’’ ‘‘क्या बक रही हो ! तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया है।’’ ‘‘आप तो खामखाँ नाराज हो रहे हैं जी। आपकी तो नौकरी मिलने की उम्र […]
उतरन
“भले ही दो जोड़ी कपड़े पहनें, पर अपने पहने, किसी की उतरन नहीं, चाहे वह सगी बहन की ही क्यों न हो।”
आरुणि की गुरुभक्ति
अपने गुरु महर्षि धौम्य की आज्ञा पाकर शाम को छतरी और टॉर्च लेकर आरुणि अपने सर्वसुविधायुक्त गुरुकुल आश्रम के ठीक पीछे स्थित खेतों की ओर निकल गया। वहाँ पहुँचकर उसने देखा कि खेत की मेड़ जगह-जगह से कटी हुई हैं। पानी द्रुत गति से खेतों से निकल कर आगे बहता जा रहा है। पानी के […]
झूठ
“अजीब किस्म के इंसान हैं आप। किस उम्र के व्यक्ति को क्या संबोधन करना है, ये कॉमन-सेंस भी आपको नहीं पता।” “नाराज क्यों हो रही हो डॉर्लिंग। आपको ऐसा क्यों लगता है ?” “बड़ा ही अजीब-सा लगता है आपको अपनी दादी और दादाजी की उम्र के लोगों को दीदी और भैया कहते हुए देखकर। सामने […]
राष्ट्रप्रेम
देश में भ्रष्टाचार अपने चरम पर था। दुकानदार लगभग हर चीज में मिलावट कर बेच रहे थे। सभी दफ्तरों में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी चल रही थी। महिलाओं और बच्चों का अपहरण आम हो गया था। लड़कियों और महिलाओं का घर से बाहर निकलना लगभग दूभर हो गया था। आम आदमी का जीना मुहाल हो […]
प्रोत्साहन
विश्वविद्यालय के आगामी दीक्षांत समारोह की रूपरेखा कार्यपरिषद के समक्ष कुलसचिव ने रखते हुए कहा, “इस बार के प्रस्तावित दीक्षांत समारोह में 175 विद्यार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि और 325 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदाय किया जाना है। इस प्रकार कुल 500 विद्यार्थियों को मंच पर सम्मानित किया जाएगा। यदि समारोह में शामिल होने के […]
नमक हलाल
रामबाबू एक प्राईवेट कंपनी में एकाऊंटेंट थे। वे उन लोगों में से एक थे जिनका यह मानना होता है कि कर्म ही पूजा है और कार्यालय मंदिर। कंपनी के प्रति उनकी निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी का न केवल कंपनी के मालिक ठाकुर रामदयाल जी और सभी डायरेक्टर्स बल्कि पूरा स्टाफ और क्लाइंट भी कायल थे। […]
सपनों का राजकुमार
“मेरी प्यारी-सी परी बिटिया, अच्छे-से दूध-रोटी खाएगी, तो जल्दी ही बड़ी हो जाएगी। फिर एक दिन उसके सपनों का राजकुमार आएगा और उसे अपने साथ ले जाएगा। फिर हमारी परी बिटिया उसके महल में महारानी की तरह राज करेगी।” अपनी नौ वर्षीया बेटी को प्यार से खाना खिलाती हुई उसकी माँ बोली। “ना बहु ना। […]