ग़ज़ल
हमारे देश को सुन्दर बनाना है
ख़ुशी से इक तराना गुनगुनाना है|
अभागा औ धनी अंतर मिटा देना
सभी के साथ मिलकर मुस्कुराना है |
नई शिक्षा नया पथ का सृजन करना
निराश्रय जो उन्हें आश्रय दिलाना है |
हँसी जिनसे अभी तक दूर है उनको
निराशा दूर कर सबको हँसाना है |
सभी भारत निवासी हैं, सगे है सब
हमें रिश्ते लगनपूर्वक निभाना है |
लगायी आग स्वार्थी लोग मानस में
घृणा विद्वेष की ज्वाला बुझाना है |
किला दिल्ली या’ आगरा हो है भारत का
न झगडा हो धरोहर सब पुराना है |
कालीपद ‘प्रसाद’