कविता

छंद – तमाल” (सम मात्रिक )

शिल्प विधान –चौपाई +गुरु लघु (16+3=19) अंत में यति

गोकुल गलियाँ मोहन खेलें रास।

बंसी बाजे मधुवन कोकिल वास॥

दूर नगर बरसाना राधे गाँव।

कुंज गली में तुलसी श्यामा छाँव॥-1

नाचें गाएं झूमत ग्वाला बाल।

दधि-मुख लेपन फोरत हाँडी लाल॥

सखियाँ गागर लेके निकली राह।

कान्हा कंकर चुपके-छुपके चाह॥-2

नयन नजर की चूक मगन चितचोर।

मैना गाए गीत प्रीत वन मोर।

डाल कदम की बैठो मोहन आज।

यमुना प्यासी पय लाओ ऋतुराज॥-3

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ