नया मुहावरा
बचपन से ही ”आसमान से गिरे, खजूर में अटके” मुहावरा सुना था. यह मुहावरा कैसे बना, लेकिन वर्तमान में शायद एक नया मुहावरा ईजाद हो गया.
आज कुदरत का कुछ अलग ही करिश्मा भी देखने को मिला. केरल के वेंगानूर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पहले वहां कुदरत का कहर देखने को मिला और फिर कुदरत का करिश्मा. दरअसल तेज हवा में एक घर की छत उड़ गई. छत के साथ पालने में सो रहा दो महीने का बच्चा विनायक भी उड़ गया और पास ही नारियल के पेड़ से अटक गया. बच्चे की हालत देखकर उसकी मां रोने लगी. जिसके बाद गांववाले पहुंचे और उन्होंने बच्चे को नीचे उतारा. इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जाए कि इतने खतरनाक तूफान के बावजूद विनायक सही सलामत था.
एक नया मुहावरा ईजाद हो चुका था-
”जमीन से उड़े, नारियल में अटके”.
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सच कहा आपने शायद मुहावरों का जन्म ऐसे ही हुआ होगा
प्रिय सखी मंजूषा जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको आलेख बहुत अच्छा और अच्छी जानकारी पूर्णरचना बहुत बढ़िया लगी. आप हमारे ब्लॉग पर आईं, आपका हार्दिक स्वागत है. प्रतिक्रियाएं लेखक का मनोबल बढ़ाने में सहायक होती हैं. इनसे हम अपनी कमियों को भी जान सकते हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.
बरसों पहले हंसी-हंसी में ”कंबल में दवाई चंबल में ढुंढाई” मुहावरे का उदय भी कुछ इसी तरह हुआ था. इसके लिए आप पढ़ सकते हैं ब्लॉग-
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यह ब्लॉग हमारे बहुत-से पाठकों को याद भी होगा. वे कभी-कभी कामेंट्स में वे इसका जिक्र करते रहते हैं.