लघुकथा

नया मुहावरा

बचपन से ही ”आसमान से गिरे, खजूर में अटके” मुहावरा सुना था. यह मुहावरा कैसे बना, लेकिन वर्तमान में शायद एक नया मुहावरा ईजाद हो गया.

आज कुदरत का कुछ अलग ही करिश्मा भी देखने को मिला. केरल के वेंगानूर में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पहले वहां कुदरत का कहर देखने को मिला और फिर कुदरत का करिश्मा. दरअसल तेज हवा में एक घर की छत उड़ गई. छत के साथ पालने में सो रहा दो महीने का बच्चा विनायक भी उड़ गया और पास ही नारियल के पेड़ से अटक गया. बच्चे की हालत देखकर उसकी मां रोने लगी. जिसके बाद गांववाले पहुंचे और उन्होंने बच्चे को नीचे उतारा. इसे कुदरत का करिश्मा ही कहा जाए कि इतने खतरनाक तूफान के बावजूद विनायक सही सलामत था.

एक नया मुहावरा ईजाद हो चुका था-
”जमीन से उड़े, नारियल में अटके”.

 

यह ब्लॉग भी पढ़ें

ऐसे ही बनते होंगे मुहावरे

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “नया मुहावरा

  • मंजूषा श्रीवास्तव

    सच कहा आपने शायद मुहावरों का जन्म ऐसे ही हुआ होगा

    • लीला तिवानी

      प्रिय सखी मंजूषा जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको आलेख बहुत अच्छा और अच्छी जानकारी पूर्णरचना बहुत बढ़िया लगी. आप हमारे ब्लॉग पर आईं, आपका हार्दिक स्वागत है. प्रतिक्रियाएं लेखक का मनोबल बढ़ाने में सहायक होती हैं. इनसे हम अपनी कमियों को भी जान सकते हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    बरसों पहले हंसी-हंसी में ”कंबल में दवाई चंबल में ढुंढाई” मुहावरे का उदय भी कुछ इसी तरह हुआ था. इसके लिए आप पढ़ सकते हैं ब्लॉग-

    ऐसे ही बनते होंगे मुहावरे

    यह ब्लॉग हमारे बहुत-से पाठकों को याद भी होगा. वे कभी-कभी कामेंट्स में वे इसका जिक्र करते रहते हैं.

Comments are closed.