तीन कसौटियां, तीन कारण
तब की बात- तीन कसौटियां
प्राचीन यूनान में सुकरात अपने परीक्षण के लिए बहुत प्रसिद्ध थे. वह बिना परीक्षण किए किसी बात को नहीं मानते थे. एक दिन उनका एक परिचित उनसे मिलने आया और बोला, ‘मैंने आपके एक मित्र के बारे में कुछ सुना है.’ सुकरात ने कहा, ‘आपके कुछ बताने से पहले मैं चाहता हूं कि हम एक छोटा सा परीक्षण कर लें. मैं इसे तीन कसौटियों का परीक्षण कहता हूं.’ परिचित ने पूछा- तीन कसौटियां क्या हैं?
1- ’जो बात आप मुझे बताने जा रहे हैं वह पूर्णतः सत्य है?’ परिचित का जवाब था- ‘नहीं.’
2. ’मेरे मित्र के बारे में आप जो भी बताने जा रहे हैं क्या उसमें कोई अच्छी बात है?’ परिचित का जवाब था- ‘नहीं.’
3. ’जो बात आप मुझे बताने वाले थे, क्या वह मेरे किसी काम की है?’ परिचित का जवाब था- ‘नहीं.’
सुकरात ने कहा, ‘बस, हो गया। जो बात आप मुझे बताने वाले थे वह न तो सत्य है, न ही अच्छी बात है और न ही वह मेरे काम की है, तो मैं उसे जानने में अपना कीमती समय क्यों नष्ट करूं?’
अब की बात- तीन कारण
जम्मू-कश्मीर में सीजफायर बढ़ाने के प्रस्ताव पर भारतीय सेना ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए तीन कारण बताए हैं-
1.पाकिस्तान नहीं चाहता कि सीजफायर बढ़े, इसलिए बड़ी संख्या में आतंकवादियों को भेजा जा रहा है.
2.स्थानीय आतंकवादियों को हथियार तथा गोला-बारूद की आपूर्ति कम होती जा रही है, इसलिए वे सुरक्षाबलों से हथियार छीन रहे हैं. सीजफायर बढ़ने से उन्हें फिर से हथियार जुटाने में मदद मिलेगी.
3.सेना की कार्रवाई में बढ़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं, वे इस समय दबाव में हैं, ऐसे में अगर सीजफायर बढ़ाया गया तो उन्हें एकजुट होने का मौका मिल जाएगा.
ध्यान से देखा जाए, तो ये तीन कारण ही जम्मू-कश्मीर में सीजफायर बढ़ाने के इस प्रस्ताव को परखने के लिए तीन कसौटियां हैं. आपका क्या विचार है?
आज रक्तदान दिवस भी है और किसान दिवस भी. रक्तदान कीजिए, किसानों को धन्यवाद दीजिए.