बड़े पापा
”Good morning पापा, हैप्पी फादर्स डे, Bye, शाम को मिलते हैं.” कहकर मुनीष सपरिवार मित्र परिवारों के साथ पिकनिक पर निकल गया.
”Good morning पापा, हैप्पी फादर्स डे. मैं भी आज दोस्तों के संग बाहर ही लंच करूंगा.” कहकर अखिल भी सुबह-सुबह बाहर निकल गया.
रह गए अकेले पापा हैप्पी फादर्स डे मनाने के लिए. यह अच्छा हैप्पी फादर्स डे है. बहू और दो-दो बेटों के होते हुए भी खुद बनाओ, खाओ और हैप्पी फादर्स डे मनाओ, अच्छा जमाना आ गया है! पापा मन-ही-मन सोच रहे थे. सोचते-सोचते वे अनमने मन से दरवाजा बंद करने और चाय बनाने के लिए उठने वाले थे, कि तभी कॉल बेल बजी और दनदनाते हुए दोनों दोहते ”हैप्पी फादर्स डे” कहकर नानू से लिपट गए. नानू का तन ताजा और मन मधुर हो गया.
”बच्चो मैं तुम्हारा पापा थोड़े ही हूं, मैं तो नानू हूं”
”अप हमारे तो पापा हैं न!” बेटी-दामाद ने ढेर सारे खाने के सामान, गुलदस्ते और गिफ्ट पैक से लदे-फदे अंदर आते हुए बोला- ”हैप्पी फादर्स डे पापा.”
”और ममी के पापा हमारे लिए नानू भी और बड़े पापा भी.” हंसी की मधुर झनकार से वातावरण मधुरिम हो गया.
”ये हुई न हैप्पी फादर्स डे वाली बात!” पापा ने मन-ही-मन बच्चों की सराहना की.
हैप्पी फादर्स डे
हंसते रहे आप करोड़ों के बीच सदा
खिलते रहे आप लाखों के बीच सदा
रोशन रहे आप हज़ारों के बीच सदा
जैसे रहता है सूरज आसमान के बीच सदा