प्यार को फैलाना होगा
बहुत हो गई है दुनिया मे नफरत, प्यार को फैलाना होगा
जल जायेगी दुनिया इस आग मे, वक्त रहते बुझाना होगा
इंसान ही इंसान के काम आता है, ये दुनिया का है दस्तूर
मन जो दूर हुए इक दूजे से, प्यार के पुल से मिलाना होगा
मज़हब का सहारा लेकर दुनिया मे, जो करते हैं कत्ले आम
‘दया धर्म का मूल है’, उन भूले भटकों को समझाना होगा
एक धरती के सब बाशिंदे हैं, एक ही है सबका आसमान
सबको अमन के फूलों से इस गुलदस्ते को सजाना होगा
ना जाने देशों ने कितने घातक हथियार किए हैं इक्कठे
हथियारों की होड छोढ़कर, जीवन को बेहतर बनाना होगा
सुख सुविधाएं और तरक्कियाँ होती हैं, इन्सानों की खातिर
इंसान को जिंदा रखना है, तो इंसानियत को बचाना होगा
नफरत का जवाब नफरत नहीं हो सकता, इस दुनिया मे
आने वाली नस्लों की खातिर, प्यार को कदम बढ़ाना होगा
प्यार को फैलाना होगा, प्यार को फैलाना होगा