अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कुछ दोहे…
मुक्ति चाहते हो अगर, कैसा भी हो रोग।
सुबह सवेरे कीजिये, नितप्रतिदिन ही योग।१।
गहरा लंबा स्वांस ले, कर लेना अनुलोम।
मन होगा एकाग्र ये, निर्मल हो हर रोम।२।
शव आसन का लाभ है, रहे थकावट दूर।
अंग अंग पोषित करे, ऊर्जा से भरपूर।३।
पद्मासन में बैठकर, हो जाओ तुम लीन।
ध्यान लगाना रोज ही, होकर के तल्लीन।४।
खर्राटे आते अधिक, कर उज्जायी योग।
स्वांस प्रणाली हो सुघड़, देह से भागे रोग।५।
सुदृढ हों अवयव सभी,करो भ्रामरी योग।
हर तनाव फिर दूर हो , दूर अनिद्रा रोग।७।
शोधन क्रिया तीव्र हो, रक्तचाप हो शांत।
करो शीतली योग तो, दूर रहेगी क्लान्त।८।
पहला सुख लेना अगर, रहे निरोगी देह।
आलस सारा त्याग कर,करलो खुद से नेह।९।
हर पल लेते स्वांस जो, ईश्वर का उपहार।
सोच समझ कर स्वांस ये, खर्च करो हर बार।१०।
जीयो और जीवन दो, सीधा सा है मन्त्र।
धन लालच से दूर है, योग साधना तंत्र।११।
साँसों का आवागमन, होता प्राणायाम।
दिनचर्या में आज से, शामिल कर व्यायाम।१२।
….©® अनहद गुंजन अग्रवाल 21 जून 2018
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