संस्मरण

संस्मरण – मण्डप के नीचे

अभी कुछ साल पहले मेरी नन्द की बेटी की शादी फिरोजपुर जाकर करनी पड़ी |नन्द-नन्दोई इंतजाम के लिये पहले चले गये|हम नानका मेल और उनकी दो बेटियां और दामाद साथ थे| रास्ते भर गाडियों में बैठे शरारते चलती रही| कभी इशारे कभी जोक्स ,कभी आगे पीछे होना रेस की तरह जो हमे खल रहा था |हमारे बड़े दामाद जी बार २ कह रहे,”मामी जी को गुस्सा आ गया ,मामा जी सबकी सब शरारते बंद हो जायेगी|” मेरे पति बोले ,नहीं आज ऐसा नहीं होगा,नया डायमंड सैट लिया मैडम जी ने,अभी तो उसका ही नशा रहेगा|” सच में शादी में सजना-तैयार होना मुझे बहुत पसंद है| होटल में ठहरने का इंतजाम बढियां था | फिर शांत बगैरा रस्मे शुरू हो गई ,बीच में हमें थोडा समय मिला|नन्द बोली ,”लड़की के साथ पार्लर ज़ा आओ|” सब चुप थे आखिर उसकी बहन गई| हम सब नानके बार्डर पर शाम की परेड देखने चले गये| मिलट्री वालों ने हमारे पर्स एक पेड़ नीचे रखा लिये,उसमे सारे गहने और रकम थी| वहाँ रेंजरों का युद्ध मुकावला देख रहे थे,सभी एक दूसरे ओरतें गहनों की चिंता में डूबी थी,बोली “ये देखना महंगा न पड जाये|” जब परेड खत्म हुई तो पहले भाग पर्स चैक किये|मिलट्री वालो ने भी पूछा,”सब ठीक है सामान,यहाँ कोई खतरा नही|” हमने सुख का सांस लिया|रात को एक दामाद ने नाचने वाली पर पैसे वारते कुछ गलत किया तो आकस्ट्रा वालो ने पुलिस बुला ली|बडो ने बीच में पड़ शादी की रस्म पूरी कराई|बारिश इतनी मूसलाधार उसी में हमारी वापसी अनमने मन से हुई|रास्तें में गंदे ढाबे पर मजबूरी में चाय स्नैक्स लिये घर पहुँचे तो कुते ने सब उल्ट-पुल्ट किया हुआ था | सबने खूब मज़ा किया पर “मुझे बारिश की वजह से कपडों और गहनों की खुशी कोम्प्लिमेंट मुबी देखने बाद मिली |सारा विवाह में  सजावट और शान  नातियों में दिखने का था ,विवाह ने सब सखियों में मज़ा किरकिरा कर दिया |” स्वरचित
रेखा मोहन २/७/१८ पंजाब
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*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]