दिल की बात कहता हूँ !
सुनो गर तो आज दिल की बात कहता हूँ!
कह न सका जो बरसों वो जज़्बात कहता हूँ!
चाँद को तारों से कहनी थी जो अनकही ;
वो हसीन झिलमिल सी मुलाकात कहता हूँ!
ख्वाबों का हकीकत से फसाना जुदा होता है;
सच्ची सीधी है चाहे पर वही बात कहता हूँ !
वतन के लिए हर कोई सोचता कहाँ है ;
उन वीरों की हिम्मत की करामात कहता हूँ !
तुम थे तो जीने की ख्वाहिश थी जि़न्दा ;
तुम्हारे बाद जीए वो अधूरे हालात कहता हूँ!