लघुकथा

जन्मदिन

रेणु के ससुराल में विवाह के बाद ही बेटे की रट सी लगी रहती थी| कई बार तो नौकरी और घर के काम के साथ, ये अनजाना सा भय उसे परेशान करता रहता था| प्रभु की कृपा से पहला बेटा ही हो गया, घर में खूब खुशी मनाई गई| घर में रेणु का मान-सम्मान बढ़ गया| कुछ समय यूँ ही बीता रेणु फिर पेट से हो गई तो सास बोली, “बेटी देख घर में तेरी जेठानी और नन्द के लडकियां हैं, एक लड़का और हो जाये तो ज़मीन को देखने वाले दो भाई हो जायेंगे|” सास कहती, “बेटी तो पराया धन है, सारी ज़मीन दूसरों के हाथ में चली जायेगी| मेरे दो पोतों की जोड़ी बना दे|” मगर प्रभु के आगे किसकी चली है, बेटी हो गई| रेणु पति से बोली, “अम्मा जी को बुरा लगेगा, क्या करोगे आप?” रेणु के पति घर जाते लड्डू के दो पैकेट खरीद ले गये| सब खुशी-खुशी लड्डू खाने खिलाने में व्यस्त हो गये| सास पूछे, “लड़का गोरा है, तेरे जैसा है बेटे बता तो अब, चलो अब जोड़ी हो गई|” रेणु के पति ने माँ को बाहों में पकड़ माथा चूम कहा, “तेरे जैसी सुंदर सी प्यारी सी नन्हीं बच्ची आई है तेरे साथ खेलने और अपने भाई का साथ देने और हमारा प्यार पाने| अब खुश हो जा अम्मा तेरा छोटा सा रूप है|” माँ चुप सी लड्डू छोड़ अंदर एकांत में चुपचाप सी बैठ गई| बच्ची के लिये नौकरानी रख दी गई, जब रेणु डियूटी पर चली जाती तो सास सुंदर सी बच्ची को देखती रहती फिर आईने में खुद को देखती कही खो जाती| यूँ ही बच्ची से नज़दीकी बढने लगी| जब पहिला जन्मदिन था सब सम्बन्धी और मित्र इकट्ठे करके पहली बार सब ने घर में चाय पार्टी रख ली| अम्मा को बोले, “मन में आया आज सब मिलकर चाय पार्टी हो जाये, कुछ तनखाह का बकाया मिला था|” रेणु बच्ची पकड़े खड़ी थी| सास बोली, “ला मुझे दे ये तो मेरी ही लाडो है|” बच्ची को बार–बार अपने सीने से लगा रही थी| सब संबंधियों से सुन, “कितनी प्यारी बच्ची है, अंग्रेज़ की बच्ची लगती है|” रेणु और उसके पति माँ की मनोस्थिति को समझने और जन्मदिन की खुशी में मग्न थे|

— रेखा मोहन ९/७/१८

*रेखा मोहन

रेखा मोहन एक सर्वगुण सम्पन्न लेखिका हैं | रेखा मोहन का जन्म तारीख ७ अक्टूबर को पिता श्री सोम प्रकाश और माता श्रीमती कृष्णा चोपड़ा के घर हुआ| रेखा मोहन की शैक्षिक योग्यताओं में एम.ऐ. हिन्दी, एम.ऐ. पंजाबी, इंग्लिश इलीकटीव, बी.एड., डिप्लोमा उर्दू और ओप्शन संस्कृत सम्मिलित हैं| उनके पति श्री योगीन्द्र मोहन लेखन–कला में पूर्ण सहयोग देते हैं| उनको पटियाला गौरव, बेस्ट टीचर, सामाजिक क्षेत्र में बेस्ट सर्विस अवार्ड से सम्मानित किया जा चूका है| रेखा मोहन की लिखी रचनाएँ बहुत से समाचार-पत्रों और मैगज़ीनों में प्रकाशित होती रहती हैं| Address: E-201, Type III Behind Harpal Tiwana Auditorium Model Town, PATIALA ईमेल [email protected]