लघुकथा

रोशनी का दान

हमारे बड़े कह गए हैं- दानों में दान रोशनी का दान. इस बात को महाराष्ट्र के इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिडेट (एमएसईडीसीएल) के कर्मचारियों ने समझा और रोशनी का दान करके बहुत ही सराहनीय कार्य किया है. कर्मचारियों ने नेक काम के लिए अपने एक दिन का वेतन दान दिया है.

औरंगाबाद जिले के 35 मॉडल स्कूल रोशन हो गए. इन स्कूलों में बिजली का बिल भुगतान न हो पाने के कारण बिजली काट दी गई थी. ये स्कूल डिजिटल हैं, इसलिए यहां बिजली की बहुत जरूरत थी. लेकिन यहां पिछले छह महीनों से बिजली नहीं थी.

जिले के ये 35 मॉडल स्कूल आईओएस सर्टिफाइड तो थे स्कूलों के दो साल का बिजली का बिल बकाया होने के कारण इन स्कूलों में बिजली काट दी गई थी. अब इसी दान से इन स्कूलों को रोशन किया जा रहा है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “रोशनी का दान

  • लीला तिवानी

    स्कूलों को रोशन करने के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों ने दिया एक दिन का वेतन

    औरंगाबाद बिजली विभाग के कर्मचारियोंका यह कार्य अत्यंत सराहनीय है. आप लोग भी कामेंट्स में ऐसे सराहनीय और प्रेरक कार्यों का उल्लेख कर सकते हैं.

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