कविता

पर्यावरण

आओ बच्चे पेड़ लगाएँ
मिलजुल कर के साथ मे,
स्वच्छ -भारत, सुंदर भारत
रहे स्वच्छ परिवार मे!

वायु प्रदुषण बढ़ता है,
पेड़ों के आभाव मे,
शुद्ध – शुद्ध हवाएँ आती,
पेड़ों के बागान से,
जल -प्रदुषण होता है ,
गंदगी के वास्ते ,
स्वच्छ -भारत , सुन्दर – भारत ,
रहे स्वच्छ परिवार मे!

इस धरती की सुंदर छाया,
पेड़ों से ही बनी हुई,
मधुर-मधुर. ये मंद हवाएँ,
अमृत बनके चली हुई ,
आओ बच्चें इस उपवन मे,
पेड़ों का एक बाग लगाएँ,
स्वच्छ -,भारत सुदंर भारत
रहे स्वच्छ. परिवार. में!

पेड़ों से मिलता है हमको,
फल -फूल और औषधी,
मत खेलों खिलवाड़ हमेशा,
प्रकृकि के बागान से,
हरा भरा हरियाली है,
देश की निशानि है ,
स्वच्छ भारत सुंदर भारत
रहे स्वच्छ परिवार मे!
बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी

बिजया लक्ष्मी (स्नातकोत्तर छात्रा) पता -चेनारी रोहतास सासाराम बिहार।