#लोकतंत्र_ही_भीडतंत्र
जन मानस के अरमानों पर,
जब भी चोट लगी है।
न्याय दिलाने वाले ह्रदय में,
जब भी खोट जगी है।
हर उस पल नया हुआ है,
भीड़ बनी है सबकी काल।
नया सृजन और नई कहानी,
तब नई सोच जगी है।
प्रदीप कुमार तिवारी
करौंदी कला, सुलतानपुर
7978869045