गीत/नवगीत

सावन आया रे

सावन आया रे, सावन आया रे (2) 
हरियाली का गीत सुनाता सावन आया रे
खुशहाली की बीन बजाता सावन आया रे-सावन आया रे—————-

सूखी धरती लगती थी कल जन्म-जन्म की प्यासी
सावन की बूंदों ने आकर उसकी प्यास बुझादी-सावन आया रे————-

वन के वृक्षों से हैं मिलती अनगिन चीज़ें हमको
वृक्ष बचाने को ही सावन सरसाता है इनको-सावन आया रे————–

आओ मिलकर वृक्ष लगाएं वृक्ष की महिमा गाएं
वन-महोत्सव आयोजन कर सबको यही सिखाएं-सावन आया रे———–

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “सावन आया रे

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , सावन महीने की आप को बहुत बहुत वधाई और शुभ कामनाएं .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको सावन गीत बहुत अच्छा लगा. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    आज जुलाई महीने का अंतिम शनिवार है तो वहीं सावन के महीने का पहला दिन। हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र माना जाता है। साथ ही सावन भगवान शिव का प्रिय माह है। पूरे सावन भारत की भूमि शिवमय रहती है। इस महीने में शिव पूजा और सावन के सोमवार के व्रत का बहुत महत्व है। वहीं इस बार सावन की शुरुआत शनिवार से हुई है, ज्योतिषी इसे सुखद संयोग मान रहे हैं।

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