बाल कविता

बाल गीत – भैया से बोलो

मम्मीजी भैया को बोलो,
नहीं चलाये टी. वी.तेज।

कभी- कभी धीमा कर देता,
कभी तेज करता आवाज़।
छोड़ पढाई व्यर्थ काम में,
समय कर रहा है बर्बाद।

खड़ी परीक्षा सिर पर है वह,
टी. वी. से अब करे परहेज।

पिछले दो घंटे से अविरल,
देख रहा जाने क्या चीज।
कार्टून हैं शायद कोई,
बेढंगे से बड़े अजीब।

और दिखाने को पुस्तक के,
खोल रखे हैं उसने पेज।

कल अंग्रेजी का परचा है,
पाठ करूँ मैं कैसे याद।
नहीं मानता कहना मेरा,
कितनी बार करूँ फरियाद।

किसी तरह से उसको दो माँ,
इस कमरे से बाहर भेज।

 प्रभुदयाल श्रीवास्तव

*प्रभुदयाल श्रीवास्तव

प्रभुदयाल श्रीवास्तव वरिष्ठ साहित्यकार् 12 शिवम् सुंदरम नगर छिंदवाड़ा म प्र 480001