लघुकथा

उलझन

शिखा नई नई फेसबुक ज्वॉइन की थी ! सभी फेसबुक फ्रेंड्स की तस्वीरों पर हजारों की संख्या में लाइक्स कमेंट्स देखकर उसे भी इच्छा होती थी कि वो भी अपनी अच्छी अच्छी तस्वीरें डाले! अभी वह सोच ही रही थी कि टेबल पर एक खूबसूरत सा गिफ्ट पैक मिला और जब खोली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा क्योंकि गिफ्ट पैक में स्मार्ट फोन के साथ-साथ एक बर्थडे ग्रीटिंग निकला जिसमें लिखा हुआ था हैपी बर्थडे माई लव! शिखा के तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह अपने पति विशाल को कई चुम्बन जड़ दी और मन में सोचने लगी कि कितनी गलत थी मैं कि सुबह से यही सोच रही थी कि विशाल को मेरा बर्थडे याद नहीं है!
उसके बाद तो शिखा जल्दी जल्दी अपने मोवाइल में कुछ जरूरी ऐप डाउनलोड कर ली और कई तस्वीरें कुछ विशाल के साथ तो कुछ अकेले ले ली! फोटो देखकर तो उसका मन और भी खुश हो गया ! वह सोचने लगी सच में ब्युटी ऐप से तस्वीरें ज्यादा ही सुन्दर आती हैं अब मैं भी फेसबुक पर तस्वीरें पोस्ट करके सभी को दिखाऊँगी!
तब तक शिखा की पड़ोसन कामना भी हैप्पी बर्थडे माई डियर शिखा कहते हुए एक गिफ्ट पैक लेकर पहुँच गई!
शिखा – अरे आपको कैसे पता चला कि आज मेरा…….
कामना – फेसबुक है न याद दिलाने वाला!
शिखा थैंक्स कहकर कामना को डिनर पर इन्वाइट कर ली!
कामना के जाने के बाद विशाल शिखा से बोला इस औरत से ज्यादा मेलजोल मत बढ़ाओ!
शिखा – क्यों…. कितनी अच्छी और खुशमिजाज लेडी तो है!
अरे ऐसी औरतों के पास सभी को पोटने का खूब हुनर होता है!
शिखा – ये भी बताइये कि कामना ने किया क्या..?
विशाल – उसकी तस्वीरें देखती हो कैसे कैसे पोज में दिन में दसों बार पोस्ट कर – करके अपने आप को परोसती रहती है! यह सब क्या कोई शरीफ़ औरतें करतीं हैं!
शिखा – परोसती रहती है.. मतलब क्या है आपका? आप भी और मर्दों की ही तरह…..
उफ्फ…. इसमें बुराई क्या है…. जिसको जो मन में आयेगा पोस्ट करेगा, एक फेसबुक ही तो है जहाँ महिलाओं को भी थोड़ी आजादी मिली है और आप पुरुष हैं कि यह भी बर्दाश्त नहीं करते छिः… सभी मर्द एक ही जैसे होते हैं!
विशाल – ज़रा तुमने उसकी तस्वीरों पर कमेंट पढ़ा है, ऐसी वैसी तस्वीरें जब औरतें डालेंगी तो मर्द उनको तो वही समझेगा न ……… कहते कहते रुक गया…
अरे अपनी तस्वीरें दिखाना ही है तो अपने परिवार को, अपने दोस्तों – रिश्तेदारों को दिखाओ कि कि पूरी पब्लिक को…
शिखा – क्या समझेगा, और उनके समझने और ना समझने से फर्क क्या पड़ता है..!
विशाल – फर्क पड़ता है, वही सब तस्वीरें देख – देख कर पुरुष उन औरतों के बारे में गलत धारणा बनाकर इनबाक्स में आने की हिम्मत जुटा पाते हैं!
शिखा – ये उनका प्राब्लम है….
विशाल – जाओ फिर तुम भी पोस्ट करो पोज बना बनाकर उसके बाद रोना मत रोना कि………..
शिखा क्या गलत है और क्या सही है इस उलझन में उलझ गई और अपनी सारी ली हुई सेल्फी डिलीट कर दी!

 

 

*किरण सिंह

किरण सिंह जन्मस्थान - ग्राम - मझौंवा , जिला- बलिया ( उत्तर प्रदेश) जन्मतिथि 28- 12 - 1967 शिक्षा - स्नातक - गुलाब देवी महिला महाविद्यालय, बलिया (उत्तर प्रदेश) संगीत प्रभाकर ( सितार ) प्रकाशित पुस्तकें - 20 बाल साहित्य - श्रीराम कथामृतम् (खण्ड काव्य) , गोलू-मोलू (काव्य संग्रह) , अक्कड़ बक्कड़ बाॅम्बे बो (बाल गीत संग्रह) , " श्री कृष्ण कथामृतम्" ( बाल खण्ड काव्य ) "सुनो कहानी नई - पुरानी" ( बाल कहानी संग्रह ) पिंकी का सपना ( बाल कविता संग्रह ) काव्य कृतियां - मुखरित संवेदनाएँ (काव्य संग्रह) , प्रीत की पाती (छन्द संग्रह) , अन्तः के स्वर (दोहा संग्रह) , अन्तर्ध्वनि (कुण्डलिया संग्रह) , जीवन की लय (गीत - नवगीत संग्रह) , हाँ इश्क है (ग़ज़ल संग्रह) , शगुन के स्वर (विवाह गीत संग्रह) , बिहार छन्द काव्य रागिनी ( दोहा और चौपाई छंद में बिहार की गौरवगाथा ) ।"लय की लहरों पर" ( मुक्तक संग्रह) कहानी संग्रह - प्रेम और इज्जत, रहस्य , पूर्वा लघुकथा संग्रह - बातों-बातों में सम्पादन - "दूसरी पारी" (आत्मकथ्यात्मक संस्मरण संग्रह) , शीघ्र प्रकाश्य - "फेयरवेल" ( उपन्यास), श्री गणेश कथामृतम् ( बाल खण्ड काव्य ) "साहित्य की एक किरण" - ( मुकेश कुमार सिन्हा जी द्वारा किरण सिंह की कृतियों का समीक्षात्मक अवलोकन ) साझा संकलन - 25 से अधिक सम्मान - सुभद्रा कुमारी चौहान महिला बाल साहित्य सम्मान ( उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान लखनऊ 2019 ), सूर पुरस्कार (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान 2020) , नागरी बाल साहित्य सम्मान बलिया (20 20) राम वृक्ष बेनीपुरी सम्मान ( बाल साहित्य शोध संस्थान बरनौली दरभंगा 2020) ज्ञान सिंह आर्य साहित्य सम्मान ( बाल कल्याण एवम् बाल साहित्य शोध केंद्र भोपाल द्वारा 2024 ) माधव प्रसाद नागला स्मृति बाल साहित्य सम्मान ( बाल पत्रिका बाल वाटिका द्वारा 2024 ) बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन से साहित्य सेवी सम्मान ( 2019) तथा साहित्य चूड़ामणि सम्मान (2021) , वुमेन अचीवमेंट अवार्ड ( साहित्य क्षेत्र में दैनिक जागरण पटना द्वारा 2022) जय विजय रचनाकर सम्मान ( 2024 ) आचार्य फजलूर रहमान हाशमी स्मृति-सम्मान ( 2024 ) सक्रियता - देश के प्रतिनिधि पत्र - पत्रिकाओं में लगातार रचनाओं का प्रकाशन तथा आकाशवाणी एवम् दूरदर्शन से रचनाओं , साहित्यिक वार्ता तथा साक्षात्कार का प्रसारण। विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अतिथि के तौर पर उद्बोधन तथा नवोदित रचनाकारों को दिशा-निर्देश [email protected]