कविता

कविता – बदलते चेहरे

कितने चेहरे बदलोगे
दिन में अलग रात में अलग
तुम कितने चेहरे बदलोगे
इंसान हो कि गिरगिट हो
पल पल चेहरे बदलोगे
हर चेहरा कुछ बयां करेगा
कुछ अच्छा कुछ बुरा करेगा
खुदगर्ज़ी के सारे सबूत
परत दर परत खोलेगा
जुबां पर गुनाह के चिठ्ठे
वो हर हाल में बोलेगा
कितने चेहरे बदलोगे….
वक़्त का पहिया रुकता नहीं
गुनाह आईना बन जायेगा
जो किये घोर पाप तुमने
आईना सच दिखलायेगा
अब अधिक न सोचो
चेहरे बदलना भूल जाओ
रब ने दी सूरत तुम्हें प्यारी
असक चेहरे में खो जाओ
पाप की काली कमाई
और पाप की भारी गठरी
ये दोनों जीते जी मार लेती
इसलिए इनसे ऊपर उठो
परहित को पहचानो अब
कितने चेहरे बदलोगे

कवि राजेश पुरोहित

राजेश पुरोहित

पिता का नाम - शिवनारायण शर्मा माता का नाम - चंद्रकला शर्मा जीवन संगिनी - अनिता शर्मा जन्म तिथि - 5 सितम्बर 1970 शिक्षा - एम ए हिंदी सम्प्रति अध्यापक रा उ मा वि सुलिया प्रकाशित कृतियां 1. आशीर्वाद 2. अभिलाषा 3. काव्यधारा सम्पादित काव्य संकलन राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में सतत लेखन प्रकाशन सम्मान - 4 दर्ज़न से अधिक साहित्यिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित अन्य रुचि - शाकाहार जीवदया नशामुक्ति हेतु प्रचार प्रसार पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य किया संपर्क:- 98 पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान पिन 326502 मोबाइल 7073318074 Email [email protected]